Saturday 26 July 2014

उत्तर की ओर मुंह करके ललाट पर तिलक लगाना चाहिए

वस्त्र धारण करने के उपरान्तो उत्तर की ओर मुंह करके ललाट पर तिलक लगाना चाहिए। श्वेत चन्दन, रक्त चंदन, कुंकुम, मृत्रिका विल्वपत्र भस्म आदि कई पदार्थों से साधक तिलक लगाते हैं। विप्र यदि बिना तिलक के संध्या तर्पण करता है तो वह सर्वथा निष्फल जाता है। एक ही साधक को उर्ध्वस पुण्डर तथा भस्म से त्रिपुंड नहीं लगाना चाहिए। चन्दन से दोनों प्रकार के तिलक किए जा सकते हैं।
ललाट के मध्यभाग में दोनों भौहों से कुछ ऊपर ललाट बिंदु कहलाता है। सदैव इसी स्थान पर तिलक लगाना चाहिए।

अनामिका उंगली से तिलक करने से शान्ति मिलाती है, मध्यमा से आयु बढ़ाती है, अंगूठे से तिलक करना पुष्टिदायक कहा गया है, तथा तर्जनी से तिलक करने पर मोक्ष मिलता है।

विष्णु संहिता के अनुसार देव कार्य में अनामिका, पितृ कार्य में मध्यमा, ऋषि कार्य में कनिष्ठिका तथा तांत्रिक कार्यों में प्रथमा अंगुली का प्रयोग होता है।
सिर, ललाट, कंठ, हृदय, दोनों बाहुं, बाहुमूल, नाभि, पीठ, दोनों बगल में, इस प्रकार बारह स्थानों पर तिलक करने का विधान है!

विष्णु आदि देवताओं की पूजा में पीत चंदन, गणपति-पूजन में हरिद्रा चन्दन, पितृ कार्यों में रक्त चन्दन, शिव पूजा में भस्म, ऋषि पूजा में श्वेत चन्दन, मानव पूजा में केशर व चन्दन, लक्ष्मी पूजा में केसर एवं तांत्रिक कार्यों में सिंदूर का प्रयोग तिलक के लिए करना चाहिए।

26 जुलाई 2014 ( शनि अमावस्या )

26 जुलाई 2014 ( शनि अमावस्या )

कर लो शनि देव को प्रसन्न

शनि को प्रसन्न कीजिये

शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने निम्न कर्म करें-

- लोहे की दो गोलियां लेकर आएं, एक गोली नदी में प्रवाहित करें और एक अन्य सदैव अपने साथ रखें।

- काले घोड़े की नाल से बना छल्ला या अंगूठी सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें। यह प्रयोग बहुत कारगर सिद्ध होता है।

- किसी बर्तन में तेल भरकर अपना चेहरा उसमें देखें और फिर उस तेल को दान कर दें।- राहु-केतु की लोहे या शीशे की मूर्तियों की विधि-विधान से पूजा करें।

- पूजा में काले चावल, काले कपड़े, काले फूल व काले चंदन का प्रयोग करें।- यह पूजा पीपल के पेड़ के नीचे करेंगे तो जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होगा।

- पूजा के बाद पीपल की सात परिक्रमा करें।

- परिक्रमा करने के बाद कच्चा धागा पीपल पर लपेटे।

- अब शनि देव से प्रार्थना करें कि हमारे कष्टों और दुखों से हमें मुक्ति दिलाएं।

- लोहे के कटोरे में तेल भरकर, काले तिल या काली चीजों का दान करें।

- काला कपड़ा, काली गाय, काली बकरी या काले लोहे के बर्तन दान करें।

- प्रतिदिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा अवश्य करें।

- यदि शनि की वजह अत्यधिक कष्ट हैं तो 43 दिनों तक लगातार कौओं को दही रोटी खिलाएं। ऐसा करने से शनि बहुत जल्द ही आपके पक्ष में फल देना शुरू कर देगा।

- कम से कम 9 शनिवार गरीबों को भोजन कराएं, भोजन में शनिदेव के प्रिय भोज्य सामग्री रखें।

- प्रति शनिवार शनि के निमित्त व्रत-उपवास करें।

- शुभ मुहूर्त देखकर सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

- आज आपके खाने तिल से बनी सामग्री अवश्य खाएं।

- शनि संबंधी दान या उपहार बिल्कुल ग्रहण ना करें।

- प्रतिदिन या हर शनिवार इष्टदेवता को काले या नीले रंग के फूल अवश्य चढ़ाएं।

- पुरुष परस्त्री और स्त्री परपुरुष का साथ तुरंत छोड़ दें अन्यथा शनि और क्रूर हो जाएगा और आपको उसके बहुत बुरे फल प्राप्त होंगे।

- कम से कम सात शनिवार एक-एक नारियल नदी में प्रवाहित करें।

- घर में पुरानी लकड़ी और कोयला हो तो उसे तुंरत बाहर कर दें।

- शनिवार को जमीन में काजल की डिबिया गाढ़ दें।

- किसी सूखे कुएं में प्रति शनिवार दूध डालें।

शनि देव प्रसन्न होंगे। इन उपायों के अतिरिक्त प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ करें।

पंडित राजन जेतली

Saturday 5 July 2014

घर में सुख-शांति हेतू कुछ आसान से उपाय जो बेहद फायदेमंद हैं:-

घर में सुख-शांति हेतू कुछ आसान से उपाय जो बेहद फायदेमंद हैं:-

1.) घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भजन अवशय लगाएं।
2.) घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है
3.) बिसतर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं,ऐसा करने से बुरे सपने आते हैं ।
4.) घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
5.) पूजा सुबह 6 से 8बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करनी चाहिए ।
6.) पहली रोटी गाय के लिए निकालें ।
7.) पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें।
8.) धूप, आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतिक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं।
9.) मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें।
10.) घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं।
11.) घर में कभी भी जाले न लगने दें,वरना घर में राहु का असर रहेगा
12) शाम के समय सोना नहीं चाहिए। रात्रि में सोने से पहले अपने इष्टदेव का सिमरण अवश्य करें।
13.) घर के मध्य भाग में जूठे बर्तन साफ करने का स्थान नहीं बनाना चाहिए।

श्रावण मास आ रहा है तो आज बात शिव जी के प्रिय बिलवापत्र की :

श्रावण मास आ रहा है तो आज बात शिव जी के प्रिय बिलवापत्र की :

शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर कई प्रकार
की सामग्री फूल-पत्तियां चढ़ाई जाती हैं। इन्हीं में से सबसे महत्वपूर्ण है बिल्वपत्र।
बिल्वपत्र से जुड़ी खास बातें जानने के बाद आप भी मानेंगे कि बिल्व का पेड बहुत चमत्कारी है।

पुराणों के अनुसार रविवार के दिन और द्वादशी तिथि पर बिल्ववृक्ष का विशेष पूजन करना चाहिए। इस पूजन से व्यक्ति से ब्रह्महत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है।
क्या आप जानते हैं कि बिल्वपत्र छ: मास तक बासी नहीं माना जाता। इसका मतलब यह है कि लंबे समय शिवलिंग पर एक बिल्वपत्र धोकर पुन: चढ़ाया जा सकता है।
शिवलिंग पर प्रतिदिन बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। भक्त को जीवन में कभी भी पैसों की कोई समस्या नहीं रहती है।
शास्त्रों में बताया गया है जिन स्थानों पर बिल्ववृक्ष हैं वह स्थान काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र है। ऐसी जगह जाने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

आयुर्वेद के अनुसार बिल्ववृक्ष के सात पत्ते प्रतिदिन खाकर थोड़ा पानी पीने से स्वप्न दोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है। इसी प्रकार यह एक औषधि के रूप में काम आता है।
बिल्वपत्र उत्तम वायुनाशक, कफ-निस्सारक व जठराग्निवर्धक है। ये कृमि व दुर्गन्ध का नाश करते हैं। इनमें निहित उड़नशील तैल व इगेलिन, इगेलेनिन नामक क्षार-तत्त्व आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं। चतुर्मास में उत्पन्न होने वाले रोगों का प्रतिकार करने की क्षमता बिल्वपत्र में है।

ध्यान रखें इन कुछ तिथियों पर बिल्वपत्र नहीं तोडऩा चाहिए। ये तिथियां हैं
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रान्ति और सोमवार तथा प्रतिदिन दोपहर के बाद बिल्वपत्र नहीं तोडऩा चाहिए। ऐसा करने पर पत्तियां तोडऩे वाला व्यक्ति पाप का भागी बनता है।

शास्त्रों के अनुसार बिल्व का वृक्ष उत्तर-पश्चिम में हो तो यश बढ़ता है, उत्तर-पूर्व में हो तो सुख शांति बढ़ती है और बीच में हो तो मधुर जीवन बनता है। घर में बिल्ववृक्ष लगाने से परिवार के सभी सदस्य कई प्रकार के पापों के प्रभाव से मुक्त हो जाते हैं। इस वृक्ष के प्रभाव से सभी सदस्य यशस्वी होते हैं, समाज में मान-सम्मान मिलता है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित ह

श्रावण मास- 2014

श्रावण मास- 2014

13 जुलाई से 10 अगस्त 2014 तक

श्रावण माह के अंतर्गत प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर शिवामुट्ठी चढ़ाई जाती है। जिसमें :-

* प्रथम सोमवार को कच्चे चावल एक मुट्ठी चढ़ाना शुभ होता है।
* दूसरे सोमवार को सफेद तिल्ली एक मुट्ठी चढ़ाया जाता है।
* तीसरे सोमवार को खड़े मूंग की एक मुट्ठी चढ़ाना चाहिए।
* चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी चढ़ाने का महत्व है।
* ...और श्रावण मास में अगर पांचवां सोमवार भी आ जाता है, तो सतुआ चढ़ाने का महत्व हैं।

कुछ ही दिनों में हो जाएंगे मालामाल

कुछ ही दिनों में हो जाएंगे मालामाल 

 यदि आप पैसों की तंगी से परेशान हैं और ईमानदारी से मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिल रहा है तो किसी भी सोमवार को यह उपाय करें।

- उपाय के अनुसार सोमवार की रात जब चंद्रोदय हो जाए तो उसके बाद अपने पलंग के चारों कोनों में चांदी की कील ठोक दें। चांदी की कील छोटी-छोटी भी लगाई जा सकती है। यह एक चमत्कारी तांत्रिक उपाय है और इससे आपके घर के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती है। पैसों की समस्याएं दूर होने लगती हैं


यदि कड़ी मेहनत के बाद भी आपकी पैसों की कमी दूर नहीं हो रही है या आप और अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो यहां कुछ तांत्रिक उपाय बताए जा रहे हैं। इन उपायों को करने पर पैसों की तंगी दूर हो जाती है।

- ऐसा माना जाता है कि तंत्र शास्त्र के उपाय बहुत जल्दी असर दिखाना शुरू कर देते हैं
मालामाल होने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति बुधवार को यह तांत्रिक उपाय करें। उपाय के अनुसार बुधवार के दिन सात साबूत कौडिय़ां लें। कौडिय़ां बाजार में पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है। इसके साथ ही एक मुट्ठी हरे खड़े मूंग लें। दोनों को एक हरे कपड़े में बांध लें और किसी मंदिर की सीढिय़ों पर चुपचाप रख आएं।
ध्यान रखें इस बात को किसी को बताए नहीं, अन्यथा उपाय निष्फल हो जाएगा।.

- किसी भी सप्ताह के रविवार को एक गिलास दूध का तांत्रिक उपाय करेंगे तो आप पैसों का सुख प्राप्त करने लगेंगे। यह तांत्रिक उपाय करने के लिए आपको रविवार की रात को सोते समय 1 गिलास में दूध भरकर अपने सिर के पास रखकर सोना है। इसके लिए ध्यान रखें कि नींद में दूध ढुलना नहीं चाहिए।
सुबह उठने के बाद नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद इस दूध को किसी बबूल (कीकर) के पेड़ की जड़ में डाल दें। ऐसा हर रविवार की रात की करें।
यह एक तांत्रिक उपाय है और इससे आपके ऊपर लगी बुरी नजर दूर होगी। नकारात्मक शक्तियों का असर खत्म होगा और कार्यों में सफलता मिलने लगेगी। पैसों की कमी दूर हो जाएगी।

- मालामाल होने के लिए कच्चे दूध का 1 अन्य उपाय करें। हर सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठें। उठने के बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद आपके घर के आसपास किसी भी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं।
यदि ऐसा हर सोमवार को किया जाए तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी। यह बहुत ही सरल और चमत्कारी उपाय है।

- धन संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए सप्ताह के हर गुरुवार को यह तांत्रिक उपाय करें। उपाय के अनुसार हर गुरुवार को आप पीले वस्त्र पहनें। खाने में पीले रंग की मिठाई खाएं। इसके साथ ही पीले रंग की वस्तु का दान करें। पीले रंग की वस्तु जैसे पीले रंग का कपड़ा, पीला फल आम, हल्दी आदि।
इस उपाय से भी धन की कमी दूर होती है।

- एक अन्य चमत्कारी टोटके के अनुसार यदि संभव हो तो हमेशा चांदी के बर्तन में पानी पीएं। चांदी बर्तन ना हो तो गिलास में पानी भरें और उसमें चांदी की अंगुठी डालकर पानी पीएं। यह प्राचीन, सरल और बहुत चमत्कारी तांत्रिक उपाय है। इससे निश्चित की धन संबंधी मामलों में राहत मिलती है।

- यदि कोई व्यक्ति कर्ज के कारण परेशान है और कर्ज का भुगतान नहीं कर पा रहा है तो उसे यह तांत्रिक उपाय करना चाहिए। ऋण की किश्तों का भुगतान मंगलवार के दिन ही करें। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बुधवार और गुरुवार को किसी को ऋण के रुपए नहीं देना चाहिए। मंगलवार का दिन ऋण की किश्ते चुकाने के लिए श्रेष्ठ है। इस बात का ध्यान रखेंगे तो कर्ज जल्दी खत्म हो जाएगा।

यहां बताए गए सभी उपाय तंत्र शास्त्र के अनुसार दिए गए हैं। ऐसे उपाय चुपचाप बिना किसी को बताए किए जाए तो अधिक प्रभावी सिद्ध होते हैं। अत: इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही इन उपायों के संबंध में किसी भी प्रकार की शंका या संदेह न करें। यह पूरी तरह आस्था और विश्वास के उपाय हैं

जानें ये आसान उपाय -

जानें ये आसान उपाय -

- पारिवारिक अशांति व तनाव दूर करने के लिए गाय के दूध से शिव अभिषेक बहुत ही मंगलकारी है।

- काम, आजीविका, नौकरी में तरक्की या अच्छे रोजगार की कामना है तो शिवलिंग का शहद की धारा से अभिषेक करें।

- लंबी या लाइलाज बीमारी से तंग हैं तो पंचमुखी शिवलिंग पर तीर्थ का जल अर्पित करने से रोगमुक्त होंगे।

- सोमवार को शिवलिंग में आंकड़े का फूल या धतूरा चढ़ाने से पारिवारिक, कार्यक्षेत्र या अदालती विवादों से छुटकारा या मनचाहे नतीजे मिलते हैं।

- मान्यताओं में शिव को भांग प्रेमी भी माना जाता है। दूध में भांग मिलाकर मानसिक परेशानियों से मुक्ति पाएं।

- सोमवार कालसर्प दोष शांति के लिए बहुत शुभ है। इसलिए इसके लिए जिम्मेदार राहु ग्रह के 18000 मंत्र जप किसी विद्वान ब्राह्मण से जानकर अवश्य करें।

- इन सब उपायों में से कोई भी न कर सके तो कम से कम सोमवार शिव को पावन जल और बिल्वपत्र ही अर्पित कर दें। इससे जीवन में हो रही हर उथल-पुथल थम जाएगी।

बच्चे की study table

बच्चे की study table पर चांदी की कटोरी में जल भरकर रख दे , या अगर चांदी की कटोरी नहीं है तो किसी स्वच्छ बर्तन में पानी भरकर उसमें चांदी का एक टुकड़ा या चांदी का एक सिक्का दाल दे , बच्चे की एकाग्रता बढ़ेगी , उसे बैचैनी से शान्ति मिलेगी ।

इन पांच देवी-देवताओं की पूजा रोज क्यों करनी चाहिए...

इन पांच देवी-देवताओं की पूजा रोज क्यों करनी चाहिए... 
 हमारी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने
की शक्ति केवल भगवान के पास ही है।
कई बार कड़ी मेहनत के बाद
भी किसी-किसी को उचित
प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है। ऐसे में धन
संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और घर-परिवार
में तनाव बढ़ता जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस प्रकार
की समस्याओं से निजात पाने के लिए कई प्रकार
की परंपराएं बनाई गई हैं। इन्हीं परंपराओं
में से एक है प्रतिदिन प्रात: काल पंच देवी-देवताओं
की पूजा करना।

वेद-पुराण के अनुसार पांच प्रमुख देवी-देवता बताए गए
हैं। किसी भी कार्य की सिद्धि और पूर्णता के लिए इन पांचों देवताओं का पूजन
किया जाना अनिवार्य है। इनकी पूजा के कार्य में आने वाली सभी बाधाएं स्वत: समाप्त
हो जाती हैं और सफलता प्राप्त होती है।

इन पंच देवी-देवताओं में शामिल हैं-
प्रथम पूज्य श्रीगणेश, भगवान श्री विष्णु, महादेव,
सूर्यदेव और देवी मां।

इन पांचों की नित्य
पूजा करने वाले व्यक्ति को जीवन में
कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
ऐसे लोग हर परिस्थिति में समभाव ही रहते हैं। इन पर किसी भी दुख और दर्द का प्रभाव
नहीं हो पाता।
इन पांचों देवताओं को हमारे शरीर से
ही जोड़ा गया है। मानव का शरीर पंच
तत्वों से बना है। ये पंच तत्व हैं- जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि, आकाश।
ये ही पांच तत्व इन पंच देवों के प्रतीक माने गए हैं।

व्यक्ति के शरीर निर्माण में सर्वप्रथम जल की आवश्यकता होती है,
यही जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं प्रथम पूज्य श्रीगणेश।
इसके बाद वायु तत्व के प्रतिनिधि हैं भगवान श्रीहरि।
वायु के बाद आवश्यकता होती है पृथ्वी तत्व की, इसकी पूर्ति करते हैं भगवान शिव।
अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं देवी मां।
अंत में आकाश तत्व की पूर्ति करते हैं सूर्य देव।

इस प्रकार व्यक्ति यदि इन पंच देवों की पूजा करता है तो व्यक्ति के सभी दुख और दर्द नष्ट हो जाते हैं।

अनिष्ट ग्रहों के निवारण हेतु कुछ उपाय-

अनिष्ट ग्रहों के निवारण हेतु कुछ उपाय-
 

सूर्य
सूर्य के लिए-
०१. ग्यारह या इक्कीस रविवार तक गणेश जी पर लाल फूलों चढ़ाएं |
०२. चांदी के बर्तन में जल पीयें, और चांदी के वर्क का सेवन करें |
०३. रविवार को नमक का सेवन करें |
०४. सूर्य की होरा{समय} में निर्जल {बिना पानी पीये} रहें |
०५. विष्णु भगवान का पूजन करें |
०६. "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" इस मन्त्र का १०८ या ५१ या फिर २१ बार
सुबह शाम जाप करें |
०७. सूर्य को ताम्बे के लोटे से "जल, चावल, लाल फूल, लाल सिंदूर" मिला
कर अर्घ्य दें |

चन्द्र
चन्द्र के लिए-
०१. दक्षिणावर्ती शंख का नित्य पूजन करें |
०२. ग्यारह सोमवार को दोपहर में केवल दही-भात ही खाएं |
०३. सूर्यास्त के बाद दूध न पियें | न ही पिलायें |
०४. तीन सफ़ेद फूल हर सोमवार और पूर्णिमा को नदी या बहती
दरिया में विसर्जित करें |
०५. मोतियों की माला या चन्द्रकान्तमणि गले में धारण करें |
०६. पूर्णिमा की रात को चन्द्र दर्शन करें व चन्द्रमा को चावल एवं
दूध मिलाकर चांदी के बर्तन से अर्घ्य दें |
०७. सोमवती अमावस्या को ५ सुहागन स्त्रियों को खीर का भोजन कराएँ व दक्षिणा दें |

मंगल
मंगल के लिए-
०१. मंगलवार को रेवड़ियाँ पानी में प्रवाहित करें |
०२. आटे के पेड़े में गुड व चीनी मिलाकर गाय को खिलाएं |
०३. ताम्बे के बर्तन से जल पियें |
०४. लाल पुष्पों को जल में प्रवाहित करें, मंगलवार को हनुमान जी के
मंदिर जा के हनुमान जी के चरणों से सिंदूर अपने मस्तक से
लगायें |
०५. नित्य सुबह शाम हनुमान चालीसा व बजरंग बाण का पाठ करें |
०६. दूध का उबाल चूल्हे पर न गिरने दें |

बुध
बुध के लिए-
०१. एक हरी इलाईची प्रतेक बुधवार को जल में प्रवाहित करें |
०२. बुधवार को इलाईची व तुलसी के पत्ते सेवन करें |
०३. हरे सीता फल के अन्दर ताम्बे के पैसे डालकर नदी में प्रवाहित
करें |
०५. संकटनाशन गणपति स्तोत्र का पाठ नित्य करें |
०६. बुधवार के दिन ५ बालक व बालिकाओं को भोजन कराएँ |
०७. बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं |
०८. दुर्गासप्तशती का पाठ करवाएं | यदि संभव हो तो स्वयं करें |

गुरु
गुरु के लिए-
०१. नौ या बारह चमेली के फूल नदी में गुरुवार को प्रवाहित करें |
०२. पीले कनेर के फूल विष्णु भगवान को पर्तेक गुरुवार को अर्पण
करें |
०३. दत्तात्रेय वज्र कवच का पाठ प्रतिदिन करें व भगवान विष्णु का
पूजन करें |
०५. गुरुवार को नमक का सेवन न करें, चने से बनी हुई वस्तुओं का
सेवन करें |
०६. केला कभी न खाएं एवं गुरुवार को पीपल के पेड़ व केले के पेड़
को हल्दी मिलाकर जल चढ़ाएं |
०७. विष्णुसहस्रनाम के १०८ पाठ करें या किसी योग्य ब्राह्मण से
करवाएं |

शुक्र
शुक्र के लिए-
०१. सफ़ेद गुलाब के फूल शुक्रवार को नदी या कुएं में डालें |
०२. प्रतेक शुक्रवार को तिल जौ व देशी घी मिलाकर हवं करें |
०३. चांदी के गहने पहनें व गले में हाथी का दांत पहने |
०४. लक्ष्मी या दुर्गा का पूजन करें |
०५. सफ़ेद गाय को शुक्र वार को रोटी खिलाएं |
०६. शुक्र वार को लाल ज्वार व दही किसी धार्मिक स्थान पर दान करें |
०७. सफ़ेद कांच के बर्तन में चांदी डालकर धूप में रखें व बाद में उसे पी लें |
०८.सफ़ेद रेशमी वस्त्र दान करें |
०९. चांदी घोड़े का रोज पूजन करें |

शनि
शनि के लिए-
०१.शनिवार को सफेदे का पत्ता अपनी जेब में रखें |
०२. नारियल के तेल में कपूर मिला के सिर पे लगायें |
०३. काले उड़द जल में प्रवाहित करें |
०४. ताम्बे या लोहे के पात्र से ही जल पियें |
०५. शनिवार को तेल से चुपड़ी रोटी काले कुत्ते को खिलाएं |
०६. काले घोड़े की नाल या नाव की कील की अंगूठी बनवाकर मध्यमा ऊँगली
में शनिवार को पहनें |
०७. शनिवार को लोहे के बर्तन में सरसों का तेल व ताम्बे का सिक्का डालकर अपना चेहरा देख कर
शनि मंदिर में चढ़ें या मांगने वाले को दें |
०८. शनिवार को सरसों का तेल, मांस, अंडा, शराब का शेवन न करें |
०९. शनिवार को तेल या शराब बहते पानी में प्रवाहित करें |
१०. चिड़ियों को बाजरा डालें व पीपल पर जल चढ़ाएं |

राहू
राहू के लिए-
०१. शिव जी को बेलपत्र चढ़ाएं व प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं |
०२. लोहे के पात्र में रखा जल ही पिएँ |
०३. नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा नदी में बहा दें |
०४. चांदी की अंगूठी बीच वाली ऊँगली में पहनें |
०५. सोमवार को मूली दान करें |
०६. ४१ दिन तक १ रूपया प्रतिदिन भंगी को दें |

केतु
केतु के लिए-
०१. किसी ज्योतिर्लिंग पे नाग चढ़ाएं |
०२. लोहे के पात्र में रखा जल ही पिएँ |
०३. गुरु पूर्णिमा, गुरु द्वादशी, गुरु पंचमी, गुरु प्रतिपदा, नाग पंचमी, को
रुद्राभिषेक करवाएं |
०४. कुतों को रोटी खिलाएं व गरीब और अपाहिज को भोजन करवाएं |
०५. गुड के साथ चांवल बनाकर कोढियों को खिलाएं |
०६. कीड़ों के बिल में तिल डालें |
०७. बेल के अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहाएँ |
०८.चांदी की अंगूठी बीच वाली ऊँगली में पहनें

कभी घर न लाएं ये 6 चीजें

कभी घर न लाएं ये 6 चीजें

भारतीय वास्तु विज्ञान चाइनीज़ फेंगशुई से काफी मिलता जुलता है। यह प्राकृतिक शक्तियों को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने की एक कलात्मक परंपरा है। हम अक्सर सुनते आए हैं कि घर में क्या रखना अच्छा होता है और क्या रखना बुरा। आइए, आज आपको बताते हैं कि घर में कौन-सी 6 चीजें कभी नहीं रखनी चाहिए-

1. महाभारत की तस्वीरें या प्रतीक: महाभारत को भारत के इतिहास का सबसे भीषण युद्ध माना जाता है। कहते हैं कि इस युद्ध के प्रतीकों, मसलन तस्वीर या रथ इत्यादि को घर में रखने से घर में क्लेश बढ़ता है। यही नहीं, महाभारत ग्रंथ भी घर से दूर ही रखने की सलाह दी जाती है।

2. ताजमहल: ताजमहल प्रेम का प्रतीक तो है, लेकिन साथ ही वह मुमताज की कब्रगाह भी है। इसलिए ताजमहल की तस्वीर या उसका प्रतीक घर में रखना नकारात्मकता फैलाता है। माना जाता है कि ऐसी चीजें घर पर रखी होने से हमारे जीवन पर बहुत गलत असर पड़ सकता है। यह सीधे-सीधे मौत से जुड़ा है इसलिए इसे घर पर न रखें।

3. नटराज की मूर्ति: नटराज नृत्य कला के देवता हैं। लगभग हर क्लासिकल डांसर के घर में आपको नटराज की मूर्ति रखी मिल जाती है। लेकिन नटराज की इस मूर्ति में भगवान शिव 'तांडव' नृत्य की मुद्रा में हैं जो कि विनाश का परिचायक है। इसलिए इसे घर में रखना भी अशुभ फलकारक होता है।

4. डूबती हुई नाव या जहाज: डूबती नाव अगर घर में रखी हो तो अपने साथ आपका सौभाग्य भी डुबा ले जाती है। घर में रखी डूबती नाव की तस्वीर या कोई शोपीस सीधा आपके घर के रिश्तों पर आघात करता है। रिश्तों में डूबते मूल्यों का प्रतीक है यह चिह्न। इसे अपने घरौंदे से दूर रखें।

5. फव्वारा: फव्वारे या फाउन्टन आपके घर की खूबसूरती तो बढ़ाते हैं लेकिन इसके बहते पानी के साथ आपका पैसा और समृद्धि भी बह जाती है। घर में फाउन्टन रखना शुभ नहीं होता।

6. जंगली जानवरों का कोई प्रतीक: किसी जंगली जानवर की तस्वीर या शो पीस घर पर रखना भी अच्छा नहीं माना जाता। इससे घर में रहने वालों का स्वभाव उग्र होने लगता है। घर में क्लेश और बेतरतीबी बढ़ती है

अगर कोई भी जातक किसी कारण से संतान सुख से वंचित है

अगर कोई भी जातक किसी कारण से संतान सुख से वंचित है और चाहे वोह किसी ग्रह दोष के कारण हो या किसी पूर्वजन्म के पापों के कारण या अपने कर्मो के कारण इसके लिये एक अचूक उपाय है वोह है हरिवंश पुराण यह कभी भी निष्फल नहीं होती बस सही विद्वान से कराई जय मैंने कई लोगो को देखा है जिनको कही कोई आशा न थी और उन लोगो को हरिवंश पुराण सुनने से बाद निश्चित ही पुत्र या पुत्री की प्राप्ति होती है ...एक बात का हमेशा स्मरण रहे की अनुष्ठान में पूर्ण नियम का पालन होना चाहिए अन्यथा विधि विपरीत भलाई नहीं

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मुझे रोज़ कई ई-मेल व फेसबुक मैसेज बहुत से लोग अपनी जन्म पत्रिका के बारे मे भेजते हैं हम उनका जवाब इसलिए नहीं देते क्योंकि हम ज्योतिष का उपयोग उन लोगों के मनोरंजन हेतु नहीं करते। मैं एक पेशेवर ज्योतिषी (professional astrologer) हूँ , यदि कोई मुझे मेरी फीस एडवांस मे देगा तभी मैं अपना बहुमूल्य समय उसके लिए दूंगा क्योंकि ज्योतिष कोई बच्चों का खेल नहीं है इसमे गणना करने मे काफी समय लगता है ।

कृपया हमें निशुल्क देखने के लिए ना कहें, यदि आप वाकयी में हमसे परामर्श लेना चाहते हैं तो कृपया हमारी फीस एडवांस मे भेजें व उसके बाद ही आपके प्रश्नों के उत्तर दिये जाएंगे

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I receive many emails / FB messages daily where people ask questions on their horoscopes. We never reply them as we do not use astrology for such entertainment purpose. I am professional astrologer those must be paid in advance before I invest my time in your work. I do not give any free service as nothing comes to me for free. So please do not bother me for freebies as I’ll not reply you. Besides our system marks you as non-serious person. This means I’ll not take you serious and will not reply you in future even if you then wish to pay and get a service. If you need to have a consult with me / our learned astrologers then please read the following carefully and do exactly as instructed for having a fruitful result.

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एक समय जन्म वाले दो लोगों के भाग्य एक जैसे नहीं होते

आप मे से बहुत लोग ये सोचते होंगे कि

क्यों?

एक समय जन्म वाले दो लोगों के भाग्य एक जैसे नहीं होते
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठता रहता है कि एक ही समय दुनिया में कई लोगों का जन्म होता है। उनकी ग्रह दशा भी लगभग एक जैसी ही होती है।
इतना होने पर भी कोई करोड़पति और सुखी होता है जबकि कोई कठिन मेहनत से चार पैसा कमा पाता है। कोई स्वस्थ तो कोई अक्सर बीमार रहता है।
इसी प्रकार की शंका से ग्रसित एक राजा ने अपने ज्योतिषियों को बुलाकर पूछा कि जिस समय मेरा जन्म हुआ है उसी समय कई लोगों का जन्म हुआ होगा लेकिन सभी राजा क्यों नहीं बने।
इसके उत्तर में एक बूढ़े ज्योतिषी ने कहा कि आप राजधानी से कुछ दूर जंगल में जाइये वहां आपको एक महात्मा मिलेंगे वही आपके इस प्रश्न का उत्तर दे पाएंगे।

राजा जंगल की ओर चला पड़ा। जंगल में पहुंचने पर एक महत्मा मिले जो अंगारे खा रहे थे। राज के प्रश्न को सुनकर उसने उत्तर दिया मैं भूख से तड़प रहा हूं। तुम आगे जाओ एक माहत्मा मिलेंगे वही तुम्हें इसका उत्तर देंगे।
राजा जब दूसरे महत्मा के पास पहुंचे तो देखा वह चिमटे से अपना ही मांस नोचकर खा रहा है। राजा के प्रश्न को सुनकर उसने कहा, मेरे पास समय नहीं है देख नहीं रहे मैं बहुत भूखा हूं तुम पहाड़ी के पार गांव में जाओ वहां एक बालक का जन्म होने वाला है। वही बालक तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर देगा।
राजा पहाड़ी पार करके गांव में पहुंचा। महात्मा ने जैसा कहा था वैसा ही हुआ प्रातः काल एक बालक का जन्म हुआ। जब राजा ने अपना प्रश्न बालक के सामने रखा तो वह हंसने लगा। मैं कुछ समय तक जिंदा रहूंगा लेकिन तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूंगा।

बालक ने कहा मार्ग में मिले महात्मा, मैं और तुम सभी पूर्वजन्म में भाई थे। एक बार भोजन के समय हमारे पास एक महात्मा पहुंचे। एक भाई ने महत्मा से कहा कि तुम्हें भोजन दे दूंगा तो मैं क्या अंगारे खाऊंगा इसलिए आज वह अंगारे खा रहा है।

दूसरे ने महत्मा से कहा कि तुम्हें भोजन दूंगा तो क्या आपना मांस नोचकर खाऊंगा इसलिए आज वह अपना ही मांस नोंचकर खा रहा है। महत्मा जब मेरे पास भोजन मांगने पहुंचे तो मैंने कहा तुम्हें भोजन दे दूं तो क्या मैं भूखे मरुं।
लेकिन तुमने उदारता दिखाई और महात्मा को भोजन दे दिया। उस पुण्य के प्रभाव से आज तुम राजा हो। इसलिए यह समझ लो ज्योतिषशास्त्र कर्तव्यशास्त्र और व्यवहारशास्त्र भी है।

भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि यह धरती कर्मभूमि है। यहां जो जैसा कर्म करता है उसका फल भी उसे उसी रुप में मिलता है