Sunday 30 September 2012

दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा के लिए टल जाता है



रोजाना स्नान के बाद जब भी कपड़े पहनें, पहले स्वर देखें और जिस तरफ स्वर चल रहा हो उस तरफ से कपड़े पहनना शुरू करें और साथ में यह मंत्र बोलते जाएं - जीवं रक्ष इससे दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा के लिए टल जाता है।

Thursday 27 September 2012

निवारण - पितृ दोष के बारे में मनीषियों का मत है कि पूर्व जन्म के पापों के कारण या पितरो के शाप के कारण यह दोष कुंडली में प्रकट होता है । अत: पित्र का निवारण पितृ पक्ष में शास्त्रोक्त विधि से किया जाता है ।
अन्य उपाय -
(1) प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है ।

(2) प्रत्येक अमावस्या को कंडे की धूनी लगाकर उसमें खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में पितरों का आव्हान करने व उनसे अपने कर्मों के लिये क्षमायाचना करने से भी लाभ मिलता है ।

(3) पिता का आदर करने, उनके चरण स्पर्श करने, पितातुल्य सभी मनुष्यों को आदर देने से सूर्य मजबूत होता है ।


(4) सूर्योदय के समय किसी आसन पर खड़े होकर सूर्य को निहारने, उससे शक्ति देने की प्रार्थना करने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य मजबूत होता है ।


(5) सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक भी पहना जाता है, मगर यह कूंडली में सूर्य की स्थिति पर निर्भर करता है ।

यह तय है कि पितृदोष होने से जातक को श्रम अधिक करना पड़ता है, फल कम व देर से मिलता है । अत: इस हेतु मानसिक तैयरी करना व परिश्रम की आदत डालना श्रेयस्कर रहता है ।