जानिए लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए यह श्री गणपति मंत्र स्तुति। जिसमें भगवान श्री गणेश के स्वरूप, शक्ति की महिमा भी है -
ॐ नमो विघ्रराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने।
दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने।।
लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम्।
अर्द्धचन्द्रधरं देवं विघ्रव्यूहविनाशनम्।।
ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्र: नम: हेरम्बाय नमो नम:।
सर्वसिद्धि प्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव।।
चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रिय:।
सिन्दूरारूणवस्त्रैश्य पूजितो वरदायक:।।
इदं गणपतिस्त्रोत्रं य: पठेद् भक्तिमान नर:।
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति।।
ॐ नमो विघ्रराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने।
दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने।।
लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम्।
अर्द्धचन्द्रधरं देवं विघ्रव्यूहविनाशनम्।।
ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्र: नम: हेरम्बाय नमो नम:।
सर्वसिद्धि प्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव।।
चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रिय:।
सिन्दूरारूणवस्त्रैश्य पूजितो वरदायक:।।
इदं गणपतिस्त्रोत्रं य: पठेद् भक्तिमान नर:।
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति।।
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